हिमाचल के दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को प्रदेश सरकार जल्द पूरा करेगी। रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए नियुक्तियां एसएमसी के आधार पर की जाएंगी। मंत्रिमंडल से भी इसको हरी झंडी मिल गई है।
गौर रहे कि पिछले दो वर्षों से एसएमसी के तहत भर्ती पर लगे प्रतिबंध को सरकार अब हटाने जा रही है और नियमित शिक्षकों की भर्ती के बाद प्रदेश के दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में एसएमसी के आधार पर स्कूलों में शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में अभी एसएमसी आधार पर 2,650 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। जिन्हें सरकार अभी प्रति पीरियड ग्रांट देती हैं, लेकिन अवकाश की इन्हें कोई ग्रांट नहीं मिलती है।
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हालांकि पूर्व सरकार में तैनात किए गए एसएमसी शिक्षकों को हर साल सेवा विस्तार दिया जाता रहा है। जिसके तहत वर्तमान सरकार द्वारा पूर्व में तैनात एसएमसी शिक्षकों को भी एक साल का सेवा विस्तार दे दिया है, लेकिन काफी समय से कोई भर्ती नहीं की जा रही थी।
स्कूल प्रबंधन समिति के तहत कार्यरत शिक्षकों के लिए सरकार ने अभी तक कोई स्थाई नीति नहीं बनाई है और सरकार अस्थाई नीति के तहत शिक्षकों को सिर्फ एक साल के लिए ही नियुक्त करती है। जिस कारण शिक्षक लंबे समय से स्थाई नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, अब जब प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है तो सरकार एक बार फिर से इन पदों को भरने के लिए एसएमसी से ही नियुक्तियां करने जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों के लिए बनाई गई अस्थाई नीति के तहत इन्हें रखा गया है और आगामी समय में भी इसी नीति के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि नियुक्ति के लिए बाकायदा साक्षात्कार करवाये जाएंगे फिर उसके बाद जनजातीय क्षेत्रों में जहां नियमित शिक्षक नहीं पहुंच पाते हैं वहां इन शिक्षकों को तैनात किया जाएगा।
Author: Viral Bharat
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