May 10, 2024 12:18 pm

कैसे करनी चाहिए, शिव शंकर की आराधना, शिव पुराण में बताए गए हैं नियम, पालन पे मिलेगा शुभ फल

Shiva Puja

जो भी व्यक्ति शिवपुराण की कथा करे उसे कथा प्रारंभ करने के एक दिन पहले ही व्रत की तैयारी कर लेनी चाहिए। बाल कटवाना, नाखून काटना, दाड़ी बनाना इत्यादि काम पूर्ण कर लेने चाहिए। कथा शुरू होने बाद समानपन तक बीच में इन कामों को नहीं करना चाहिए। शिव भक्त को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। तामसिक और गरिष्ठ भोजन (देर से पचने वाला खाना) खाकर शिवपुराण की कथा नहीं सुननी चाहिए।

शिव पुराण की कथा सुनने और करानेवाले शिव भक्तों को सबसे पहले कथा वाचक यानी कथा सुनानेवाले सम्मानीय व्यक्ति या नीति नियम से पूजा पाठ करने वाले ब्राह्मण से दीक्षा ग्रहण कर लेनी चाहिए। कथा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जमीन पर सोना चाहिए और कथा संपन्न होने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।

कथा करानेवाले व्यक्ति को दिन में एक बार जौ, तिल और चावल से बने खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। तामसिक भोजन और लहसुन, प्याज, हींग, नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। वैसे तो हमेशा ही घर का माहौल प्रेमपूर्ण रहना चाहिए लेकिन शिव पुराण की कथा के दौरान घर में कलह और क्रोध का वातावरण न बने, इसका विशेष ध्यान रखें। जिस घर में कलह क्लेश होता है उधर कभी भी भगवत्ता का लाभ नहीं मिलता

दूसरों की निंदा से बचें। अभावग्रस्त, रोगी और संतान सुख से वंचित लोगों को शिवपुराण की कथा का आयोजन अवश्य कराना चाहिए।

जिस दिन शिव पुराण की कथा का समापन हो, उस दिन उद्यापन करते हुए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गरीब दुखियों को समर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा दें। गरीबों को दान दें और शिवजी से अपने व्रत की सफलता के लिए प्रार्थना करें।

 

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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