कोरोना संक्रमण से निजात पाने के प्रयास में लगी हिमाचल सकार ने एक और एहतियाती कदम उठाया है. सरकार ने सूबे में पान पराग, खैनी, गुटका के साथ साथ खउसबूदार सुपारी की बिक्री पर भी एक साल के लिए रोक लगा दी है.
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा आयुक्त आरडी धीमान ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में साफ उद्धृत किया गया है कि इन चीजों की बिक्री पर एक साल के लिए रोक रहेगी. बिक्री के साथ साथ इनके भंड़ारण पर भी रोक होगी. आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी.
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के मद्देनजर यह फैसला
माना जा रहा है कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने के रोकने के मद्देनजर यह फैसला लिया है. प्रदेश में तंबाकू युक्त पान पराग, खैनी व गुटका की बिक्री पर साल 2011 में पाबंदी लगा दी गई थी. तत्कालीन धूमल सरकार ने यह अहम फैसला लिया था. धूमल सरकार के इस फैसले के बावजूद पान पराग व खैनी उद्योग से जुड़े लोगों ने इसकी बिक्री का नया फार्मूला इजहाद किया. इसके तहत दो अलग अलग पैकेटों में तंबाकू व पान पराग दिया जाने लगा. लोग दोनों पैकेटों को अलग अलग खरीद कर बाद में इसका मिश्रण बना कर खाने लगे. जाहिर है कि सरकार का पाबंदी का मकसद से इससे अधूरा रह गया.
बिक्री पर पाबंदी का अहम फैसला
बीते दिनों सरकार ने प्रदेश में च्यूइंगम की बिक्री पर पाबंदी का फैसला लिया था. फैसले का मकसद से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना था. च्यूइंगम को खाने के बाद जगह जगह फैंकने से संक्रमण फैल सकता है. कमोवेश यही स्थिति तंबाकू युक्त पान पराग, गुटका खैनी के मामले में भी है. गलती से किसी संक्रमित व्यक्ति के हाथों से इस खाने की स्थिति में स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है. लिहाजा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के मद्देनजर सरकार ने बिक्री पर पाबंदी का अहम फैसला लिया है.
Author: Viral Bharat
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