पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा चार्जशीट में लगे डीजल घोटाले के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। स्टेट विजिलेंस द्वारा आने वाले दिनों में मामले से जुड़ा रिकार्ड कब्जे में लिया जा सकता है। हाल ही में सरकार ने विजिलेंस को मामले की फिर जांच के आदेश दिए हैं, ऐसे में तय समयवधि के बीच प्रारंभिक जांच पूरी कर विजिलेंस सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
ऐसे में यदि विजिलेंस की प्रांरभिक जांच में किसी तरह की अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो कई तत्कालीन अधिकारियों सहित अन्य जांच के दायरे में आ सकते हैं। गौर रहे कि भाजपा ने पूर्व कांग्रेस सरकार के खिलाफ तैयार की चार्जशीट में आरोप लगाए थे कि प्रदेश में एचआरटीसी के अपने 26 पंप हैं, लेकिन फैसला लिया गया कि बसों में डीजल की भराई प्राइवेट पेट्रोल पंपों से की जाएगी।
आरोप लगाया गया था कि इसमें बड़ी डील हुई। ऊना और पठानकोट स्थित एचआरटीसी पेट्रोल पंप में घोटाला भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा चार्जशीट में लगे हैं। कई बसों में डीजल 100 लीटर डालना, लेकिन रिकॉर्ड में 120 लीटर की एंट्री की जाती थी, ऐसे में एचआरटीसी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। चार्जशीट के माध्यम से पूछा गया था कि यह कारोबार चरम पर पहुंचने के बाद क्यों दोबारा अपने ही 26 पेट्रोल पंपों से डीजल डालना शुरू किया गया।
चार्जशीट में उल्लेख किया गया था कि पहली जनवरी, 2013 से 31 अक्तूबर, 2014 के बीच एचआरटीसी के पंपों से एक करोड़ एक लाख 48 हजार 801 लीटर तेल डाला गया, लेकिन वहीं प्राइवेट पेट्रोल पंपों से आठ करोड़ 83 लाख 96 हजार 746 लीटर तेल डाला गया। भाजपा ने चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि पठानकोट डिपो एक करोड़ 34 लाख 64 हजार 700 लीटर तेल डाल कर प्रथम स्थान पर रहा।
Author: Viral Bharat
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