हिमाचल/धर्मशाला : धर्मशाला विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत भाजपा के विरोध प्रदर्शन के साथ हुई. सदन की कार्यवाही से पहले भाजपा ने सदन के बाहर प्रदेश की सुख सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि फिर सदन में भी पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप के बाण चलते रहे. इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए भाजपा नेताओं को केंद्र जाकर सरकारी उपक्रम कंपनियों द्वारा वाटर सेस पर की गई याचिका को वापस लेने की नसीहत दी. इसके अलावा कर्ज को लेकर भी अपने गिरेबान में झांकने की बात कही.
केन्द्र सरकार के उपक्रमों को वाटर सेस पर की गई याचिका को वापस लेने को कहें : CM
भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुकून ने कहा कि प्रदेश की भाजपा के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है ऐसे में खबरों में बने रहने के लिए यह प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता केंद्र जाएं और SJVNL, THDC जैसे उपक्रमों को वाटर सेज पर की गई याचिका को वापस लेने को कहें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में टिहरी डैम पर THDC ने तो कोई याचिका दायर नहीं की. मुख्यमंत्री ने कहा लेकिन इस पर विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेता विपक्ष जय राम ठाकुर को भी निशाने पर लिया.
भाजपा के समय में 14,000 करोड़ थी लोन की सीमा, तय सीमा तक कर्ज : CM
वहीं विधानसभा सत्र के दौरान कर्ज का मुद्दा एक बार फिर चर्चाओं में है इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुकून ने कहा कि भाजपा के लोग अलग-अलग तरीकों से झूठ बोलने का काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश पर साढ़े 6 हज़ार करोड़ प्रति वर्ष कर्ज लेने की कर्ज लेने की सीमा लगा दी है भाजपा के समय में यह सीमा 14,000 करोड़ की थी और भाजपा ने तय सीमा तक कर्ज लिया. ऐसे में भाजपा नेता वर्तमान सरकार पर कैसे कर्ज लाने का आरोप लगा रहे हैं.